Google Sandbox Kya Hai और सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट का कारण

जब भी कोई नया Blogger ब्लॉग या वेबसाइट बनाता है तो उसकी वेबसाइट तुरंत गूगल में रैंक में नहीं करती है, एक नयी वेबसाइट को गूगल में रैंक करने में सामान्य रूप से 3 महीने से लेकर 1 साल या इससे भी ज्यादा का समय लग सकता है. यह Google Sandbox Effect के कारण होता है.

आज के इस लेख के माध्यम से मैं आपको Google Sandbox Kya Hai, कैसे पता करें कि आपकी वेबसाइट Sandbox में है, और Sandbox से बाहर कैसे निकलें की पूरी जानकारी देने वाला हूँ. इस लेख को पढने के बाद आपके Google Sandbox से सम्बंधित सारे Doubt दूर होने वाले हैं.

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तो बने रहिये दोस्तों इस लेख के अंत तक, और जानिए गूगल सैंडबॉक्स क्या है.

Google Sandbox क्या है

जब भी कोई नईं वेबसाइट लांच होती है तो गूगल उस वेबसाइट को एकदम से रैंकिंग नहीं देता है. क्योंकि नयी वेबसाइट पर गूगल को Trust नहीं होता है इसलिए गूगल एक निश्चित Time Period के लिए वेबसाइट को सर्च इंजन पर show नहीं करवाता है. यह Time Period कुछ महीनों से लेकर 1 साल या इससे भी ज्यादा हो सकता है. नयी वेबसाइट का गूगल सर्च इंजन पर तुरंत रैंक नहीं करना Google Sandbox Effect कहलाता है.

Google Sandbox Effect का कारण

आज के समय में इन्टरनेट पर कंटेंट की कमी नहीं है, अरबों की संख्या में वेबसाइट इन्टरनेट पर मौजूद हैं और सभी वेबसाइट का डेटा गूगल के डेटाबेस में स्टोर रहता है.

सर्च इंजन रिजल्ट पेज के पहले पेज पर गूगल मात्र 10 वेबसाइट ही दिखा सकता है और जो वेबसाइट पहले पेज में रैंक कर रही होती हैं वह Authority साईट होती हैं, उनके कंटेंट की भी अथॉरिटी रहती है और गूगल पुरानी वेबसाइट पर भरोसा भी करता है.

जब कोई नयी वेबसाइट लांच होती है तो उस वेबसाइट के पास न तो अथॉरिटी होती है न कि उसके कंटेंट के पास, चाहे उसका कंटेंट कितना भी Powerful हो. और गूगल नयी वेबसाइट पर तुरंत भरोसा नहीं करता है क्योंकि गूगल को पता नहीं है कि आगे इस वेबसाइट पर कैसा काम होगा या काम होगा भी कि नहीं.

इसलिए गूगल पुरानी वेबसाइट को ज्यादा Priority देता है और उनके कंटेंट को ही रैंक करवाता है.

लेकिन जो नयी वेबसाइट होती हैं गूगल उन्हें भी chance देता है और धीरे – धीरे नयी वेबसाइट को भी रैंक करवाता है या कहें तो वेबसाइट की टेस्टिंग करता है. अगर वेबसाइट के कंटेंट को यूजर पसंद करते हैं तो गूगल उनकी रैंकिंग बनाये रखता है नहीं तो वेबसाइट की रैंकिंग पुनः Down कर देता है.

अगर गूगल का वेबसाइट के साथ भरोसेमंद सम्बन्ध बन जाता है तो फिर वेबसाइट के सभी कीवर्ड धीरे – धीरे रैंक करने लगते हैं और वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार देखने को मिलता है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो गूगल के द्वारा किसी भी वेबसाइट को Sandbox में डालने का सबसे बड़ा कारण वेबसाइट पर गूगल का भरोसा नहीं होना है.

Google Sandbox की शुरुवात

Google Sandbox का कांसेप्ट साल 2004 में सामने आया था, जब बड़े – बड़े SEO Expert ने अनुभव किया कि उनकी नयी वेबसाइट गूगल में एकदम से रैंक नहीं कर रही है. चाहे वह अपने वेबसाइट पर कितना Advance SEO भी कर लें, वेबसाइट को गूगल में रैंक होने में कुछ समय लग रहा था.

बस यही से Google Sandbox का कांसेप्ट सामने आया. SEO Expert ने कहा कि गूगल नयी वेबसाइट पर तुरंत भरोसा नहीं करता है वह कुछ समय के लिए वेबसाइट को Sandbox में डाल देता और वेबसाइट में होने वाली गतिविधि की जांच करता है.

Google Sandbox पर गूगल क्या कहता है

अभी तक आप लोग समझ गए होंगे कि Google Sandbox Kya Hai, अब जानते हैं कि आखिर गूगल का Sandbox के विषय में क्या कहना है.

दोस्तों गूगल ने कभी officially sandbox नाम के किसी अल्गोरिथम का जिक्र नहीं किया है. Google Sandbox नाम SEO Expert ने काफी रिसर्च करने के बाद दिया है.

कैसे पता करें कि वेबसाइट Sandbox में है या नहीं

चूँकि गूगल ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि Sandbox नाम का कोई अल्गोरिथम उनके पास है या नहीं इसलिए गूगल के अलावा कोई इस बारे में ज्यादा अच्छी जानकारी नहीं दे सकता है.

लेकिन SEO Expert की माने तो वेबसाइट के sandbox में रहने के दौरान निम्न effect देखने को मिल सकते हैं –

  • नयी वेबसाइट पर बिल्कुल भी Organic Traffic का ना आना.
  • Low Competition Keyword का भी सर्च इंजन में रैंक न करना.
  • अचानक से किसी कीवर्ड पर High ट्रैफिक का आ जाना और कुछ समय बाद ट्रैफिक बिल्कुल भी न आना.
  • अच्छी प्रकार से SEO करने के बाद भी वेबसाइट का रैंक नहीं करना.
  • आर्टिकल के टाइटल में मौजूद कीवर्ड को सर्च किये जाने के बाद भी आर्टिकल का गूगल पर रैंक ना करना.

Google Sandbox से बाहर कैसे निकलें

Google Sandbox से बाहर निकलने का वैसे तो कोई निश्चित समय नहीं है लेकिन आप निम्न कुछ बातों का पालन करके गूगल sandbox से बाहर निकल सकते हो.

  • वेबसाइट पर Quality Content पब्लिश करें.
  • यूनिक आर्टिकल ही लिखें, आर्टिकल को कहीं से कॉपी/पेस्ट ना करें.
  • नियमित रूप से पोस्ट पब्लिश करें.
  • वेबसाइट का On Page SEO सही रखें.
  • Off Page SEO पर भी ध्यान देना जरुरी है जैसे कि बैकलिंक बनाना, सोशल मीडिया पर पोस्ट को शेयर करना.
  • Low Competition Keyword का इस्तेमाल करें.
  • Google EAT Concept को फॉलो करें.
  • और सबसे जरुरी बात धैर्य बनाये रखना.

FAQ for Google Sandbox in Hindi

Q – गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट क्या है?

किसी नए वेबसाइट पर निश्चित समय अंतराल के लिए आर्गेनिक ट्रैफिक नहीं आना या बिल्कुल कम आना गूगल सैंडबॉक्स इफ़ेक्ट है.

Q – गूगल सैंडबॉक्स में वेबसाइट कितने दिनों के लिए रहती है?

इसका कोई निश्चित समय – अंतराल नहीं है, कोई वेबसाइट 3 महीनों में ही सैंडबॉक्स से बाहर निकल जाती है तो किसी वेबसाइट को सैंडबॉक्स से बाहर निकलने के लिए 1 साल तक का भी समय लग जाता है.

Q – क्या बिंग, याहू जैसे अन्य सर्च इंजन के पास भी सैंडबॉक्स नाम का अल्गोरिथम है?

जी हाँ, बिंग और याहू जैसे सर्च इंजन में भी सैंडबॉक्स जैसे अल्गोरिथम होते हैं. लेकिन इनका अल्गोरिथम गूगल के जितना powerful नहीं है.

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अंतिम शब्द: Google Sandbox Kya Hai

इस लेख को पढने के बाद आप लोगों को पता चल गया होगा कि Google Sandbox Kya Hai और साथ में आपको Sandbox से जुड़े अनेक सवालों का जवाब भी मिला होगा. अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट जल्द से जल्द गूगल सैंडबॉक्स से बाहर आ जाये तो नियमित रूप से अपने ब्लॉग में Quality Content पब्लिश करते रहें.

तो दोस्तों इस लेख में इतना ही, उम्मीद करते हैं आपको मेरे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा. अगर आपके इस लेख से जुड़े कोई भी प्रशन हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. और अंत में आपसे निवेदन है कि इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी जरुर शेयर करें.

लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||

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