WWW Kya Hai – WWW का इतिहास, विशेषतायें, उपयोग, फायदे और नुकसान

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के एक नया आर्टिकल में जिसमें हम आपको WWW Kya Hai, WWW का इतिहास, WWW काम कैसे करता है, WWW के उपयोग, विशेषतायें, फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.

आज इन्टरनेट का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है. इन्टरनेट पर जितनी भी वेबसाइटों को आप एक्सेस करते हैं उन सभी में WWW का इस्तेमाल होता है, जैसे www.facebook .com, www.google .com आदि.

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तब आपके मन में कहीं ना कहीं सवाल आता होगा कि आखिर यह WWW क्या है और वेबसाइट के नाम से पहले इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है. अगर आपके मन में भी WWW से जुड़े कुछ भी सवाल हैं तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें. इसमें आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिलने वाला है.

तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल.

WWW का फुल फॉर्म (WWW Full Form)

WWW का फुल फॉर्म World Wide Web होता है जिसे कि हिंदी में वर्ल्ड वाइड वेब कहा जाता है. WWW को Short में W3 भी कहा जाता है.

वर्ल्ड वाइड वेब क्या है (What is World Wide Web)

WWW यानि वर्ल्ड वाइड वेब इन्टरनेट की एक सर्विस है जिसके अंतर्गत भारी मात्रा में HTML डॉक्यूमेंट और इनफार्मेशन का समूह मौजूद रहता है. WWW में मौजूद इनफार्मेशन और डॉक्यूमेंट Hypertext के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं. WWW में मौजूद इन HTML डॉक्यूमेंट को URL के द्वारा एक्सेस किया जाता है.

इन्टरनेट पर जितना भी कंटेंट आप देखते हैं चाहे वह टेक्स्ट, इमेज, विडियो या किसी फाइल आदि के रूप में है वह सभी WWW में ही स्टोर रहता है. WWW में यह सभी डॉक्यूमेंट लिंक के रूप में स्टोर रहते हैं.

WWW में मौजूद डॉक्यूमेंट को यूजर तक पहुंचाने का काम वेब ब्राउज़र करते हैं. वर्ल्ड वाइड वेब इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए hypertext transfer protocol (http) का इस्तेमाल करता है.

आसान शब्दों में कहें तो वर्ल्ड वाइड वेब दुनियाभर के वेबसाइट के एड्रेस या लिंक का कलेक्शन है जो Hypertext के द्वारा आपस में एक दुसरे से कनेक्ट रहते हैं और यूजर इन्टरनेट के माध्यम से इन वेबसाइटों या वेबपेज को एक्सेस कर पाता है.

WWW में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण टर्म

जब हम WWW की बात करते हैं हम इसमें अलग – अलग टर्म से परिचित होते हैं. WWW की परिभाषा में इस्तेमाल होने वाले इन शब्दों को समझकर हम WWW को आसानी से समझ सकते हैं. WWW में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्द और उनकी परिभाषा निम्नलिखित है –

हाइपरटेक्स्ट (Hypertext)

यह एक विशेष प्रकार का टेक्स्ट होता है जिसमें लिंक लगा होता है. आप हाइपरटेक्स्ट पर क्लिक करके दुसरे वेब पेज में पहुँच जाते हैं. WWW में मौजूद सभी डॉक्यूमेंट इसी हाइपरटेक्स्ट के द्वारा आपस में कनेक्ट रहते हैं.

वेब ब्राउज़र (Web Browser)

वेब ब्राउज़र एक प्रकार के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जिसके द्वारा WWW में मौजूद किसी भी वेब पेज तक पहुंचा जा सकता है.

वेबपेज (Webpage)

किसी वेबसाइट पर मौजूद पेजों को ही वेब पेज कहते हैं. एक वेबसाइट में कई सारे वेबपेज होते हैं, ये सभी वेब पेज मिलकर वेबसाइट का निर्माण करते हैं. वेबपेजों को URL के माध्यम से एक्सेस किया जाता है.

हाइपरलिंक (Hyperlink)

Hyperlink एक HTML element है जिसके द्वारा दो वेबपेज आपस में कनेक्ट रहते हैं.

HTML

Html का पूरा नाम Hypertext Markup Language होता है. यह एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होता है जिसकी मदद से वेब डॉक्यूमेंट या वेब पेजों को लिखा जाता है. इन्टरनेट में जितने भी वेब पेजों को आप एक्सेस करते हैं वह सभी HTML में बने होते हैं.

URL

URL का Full फॉर्म Uniform Resource Locator होता है. हर किसी वेब पेज का एक URL होता है जिसकी मदद से हम उस वेब पेज तक पहुँच पाते हैं.  जैसे हमारे वेबसाइट का URL https://hinditechdr.com/ है.

HTTP

HTTP का फुल फॉर्म हाइपरटेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल होता है, यह एक प्रोटोकॉल है जिसकी मदद से इन्टरनेट में सूचनाओं का आदान – प्रदान किया जाता है. WWW में मौजूद इनफार्मेशन से एक जगह से दुसरे जगह पहुँचाने के लिए इसी HTTP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है.

वेब सर्वर (Web Server)

वेब सर्वर एक कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर का समूह होता है जो इन्टरनेट पर डेटा को स्टोर करने का काम करते हैं. इन्टरनेट पर जितनी भी वेबसाइटें होती हैं उन सभी का अपना वेब सर्वर होता है जहाँ उनका पूरा डेटा स्टोर रहता है. वेब सर्वर वेबसाइट को इन्टरनेट पर लाइव रखते हैं.

वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास (History of WWW)

वर्ल्ड वाइड वेब यानि WWW का अविष्कार साल 1989 में Tim Berners-Lee ने की, उस समय टिम बैरनर्स ली CERN नाम की संस्था में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे.

दरसल उस समय Tim Berners-Lee एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, और डेटा के अलग – अलग कंप्यूटर में होने के कारण उन्हें मैनेज करने में बहुत मुश्किल हो रही थी और डेटा का आदान – प्रदान करना भी मुश्किल था.

इस समस्या के समाधान करने के लिए उन्होंने Hypertext का आविष्कार किया, इस तकनीकी में Hyperlink के द्वारा अलग अलग वेबपेजों को आपस में कनेक्ट किया जाता है. जिससे डेटा एक्सेस और मैनेज करने में आसानी होती है.

अक्टूबर 1990 में Tim Berners-Lee ने HTTP और URL का निर्माण भी कर लिया था, और 1991 तक WWW दुनिया के अधिकतर हिस्सों में पहुँच गया. 1993 में Tim ने HTML प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की भी शुरुवात की.इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से वेब पेज बनाये जाते हैं.

इसके अलावा Tim Berners-Lee ने दुनिया का पहला वेब ब्राउज़र भी बनाया, जिसका नाम शुरुवात में World Wide Web रखा गया था. पर वास्तविक World Wide Web से अंतर करने के लिए इसका नाम nexus कर दिया गया.

वर्ल्ड वाइड वेब काम कैसे करता है (How WWW Work)

वर्ल्ड वाइड वेब सर्वर, ब्राउज़र, वेबपेज, हाइपरटेक्स्ट, http इत्यादि के माध्यम से कार्य करता है.

जब भी कोई यूजर WWW से किसी भी वेब पेज को ओपन करना चाहता है तो उसे एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरुरत पड़ती है जिसे कि वेब ब्राउज़र कहते हैं. जैसे गूगल क्रोम, ओपेरा, फायरफॉक्स आदि.

यूजर जिस वेबसाइट को एक्सेस करना चाहता है उसके डोमेन नाम जिसे कि URL भी कहते हैं, को ब्राउज़र में सर्च करता है. इसके बाद ब्राउज़र यूजर की Request को IP एड्रेस में कन्वर्ट करके वर्ल्ड वाइड वेब के पास भेज देता है. IP एड्रेस, URL का मशीन readable फॉर्म होता है.

वर्ल्ड वाइड वेब उस IP एड्रेस को वेब सर्वर में सर्च करता है और जब IP एड्रेस सर्वर से मैच कर जाता है तो WWW उस वेब पेज को ब्राउज़र के पास भेज देता है जो कि यूजर को अपने मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई देता है. WWW इनफार्मेशन को भेजने के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है.

इस पूरी प्रोसेस में मात्र सेकंड के कुछ हिस्से का समय लगता है. तो कुछ इस प्रकार से WWW काम करता है.

वर्ल्ड वाइड वेब का उपयोग (Uses of World Wide Web)

वर्ल्ड वाइड वेब ने ना केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई. आज लोग इन्टरनेट के द्वारा आपस में कनेक्ट है, लोग आपस में बातें कर सकते हैं, किसी भी इनफार्मेशन को प्राप्त कर सकते हैं, जानकारी शेयर कर सकते हैं.

आज ऑफिस, स्कूल, घरों, अनुसंधान केन्द्रों आदि के लिए WWW का इस्तेमाल किया जाता है. वर्ल्ड वाइड वेब के कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं –

  • WWW का उपयोग इन्टरनेट में रिसर्च करने के लिए किया जाता है.
  • पेशेवर लोग अपने काम के अनुसार वेबपेजों को WWW की मदद से एक्सेस कर पाते हैं.
  • संचार स्थापित करने के लिए WWW का इस्तेमाल किया जाता है.
  • छात्र ऑनलाइन कोई नयी जानकारी सीखने के लिए WWW का उपयोग करते हैं.
  • लोग मनोरंजन के लिए WWW का उपयोग करते हैं.
  • कंपनियां अपने प्रोडक्ट और सर्विस के प्रचार के लिए WWW का उपयोग करती है.

इन सभी के अलावा भी कई क्षेत्रों में WWW का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है.

वर्ल्ड वाइड की विशेषतायें (Feature of WWW)

WWW की कुछ प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं –

Hypertext Based System – WWW एक हाइपरटेक्स्ट आधारित सिस्टम है जिसमें विभिन्न डॉक्यूमेंट आपस में एक दुसरे से Hypertext के द्वारा जुड़े रहते हैं.

Distributed System – WWW में अलग अलग इनफार्मेशन वाले वेबपेज एक दुसरे से कनेक्ट रहते हैं. यूजर एक वेबपेज के माध्यम से दुसरे वेबपेजों को एक्सेस कर सकता है. इसे ही Distributed System कहते हैं.

HTTP – WWW इनफार्मेशन कि एक स्थान से दुसरे स्थान में पहुँचाने के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है.

Cross Platform – WWW में मौजूद वेब पेज किसी भी कंप्यूटर डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम पर सरलतापूर्वक कार्य कर सकते हैं.

Open Source – WWW एक ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म है जिसे कोई भी यूजर बिल्कुल फ्री में इस्तेमाल कर सकता है.

इन्टरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब में अंतर

कई सारे लोग इन्टरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब को एक समझ लेते हैं. हालाँकि इन्टरनेट और WWW एक दुसरे पर आश्रित जरुर हैं लेकिन ये एक दोनों से बिल्कुल भिन्न हैं.

इन्टरनेट एक बड़ा नेटवर्क है जो दुनियाभर के कंप्यूटर और इन्टरनेट डिवाइस को आपस में कनेक्ट करता है जबकि WWW सूचनाओं का एक विशाल संग्रह है जिसे इन्टरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जाता है.

इन्टरनेट और WWW के बीच के अंतर को हमने नीचे टेबल के माध्यम से आपको बताया है.

इन्टरनेट डब्लू. डब्लू. डब्लू.
इन्टरनेट का फुल फॉर्म Interconnected Network होता है.WWW का फुल फॉर्म World Wide Web होता है.
इन्टरनेट का आविष्कार 1960 में हो गया था.WWW की शुरुवात साल 1989 में हुई.
इन्टरनेट एक नेटवर्क है जिससे दुनियाभर के कंप्यूटर और इन्टरनेट डिवाइस आपस में कनेक्ट रहते हैं.WWW वक इनफार्मेशन हब है जिसे इन्टरनेट के द्वारा एक्सेस किया जाता है.
इन्टरनेट बिना WWW के भी चल सकता है.बिना इन्टरनेट के WWW को एक्सेस नहीं किया जा सकता है.
इन्टरनेट को हार्डवेयर से बनाया गया है.WWW को सॉफ्टवेयर से बनाया गया है.
इन्टरनेट IP एड्रेस का इस्तेमाल करता है.WWW, HTTP का इस्तेमाल करता है.
WWW और इन्टरनेट में अंतर

आर्टिकल को यहाँ तक पढने पर आप वर्ल्ड वाइड वेब (WWW Kya Hai) को अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें. चलिए अब WWW के कुछ फायदे और नुकसानों के बारे में भी जान लेते हैं.

WWW के फायदे

  • आप कहीं भी और कभी भी इन्टरनेट के माध्यम से WWW में मौजूद इनफार्मेशन को एक्सेस कर सकते हैं.
  • WWW दुनियाभर की जानकारी को यूजर तक पहुंचता है.
  • WWW में लगभग हर विषय पर जानकारी मौजूद है, आप किसी भी विषय की जानकारी को WWW पर प्राप्त कर सकते हैं.
  • WWW की मदद से आप दुनिया के किसी भी हिस्से की इनफार्मेशन को एक्सेस कर सकते हैं.
  • WWW से जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको किसी प्रकार का कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ता है.

WWW के नुकसान

  • बिना इन्टरनेट के WWW का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
  • ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो गलत इनफार्मेशन साझा करती है.
  • WWW में हैकिंग का ख़तरा भी बना रहता है.
  • WWW का अधिक इस्तेमाल करना आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे आपकी आँखों के साथ मानसिक तनाव की समस्या बढ़ सकती है.

FAQ: WWW Kya Hai

Q – डब्लू डब्लू डब्लू से क्या समझते हैं?

WWW जिसे कि वर्ल्ड वाइड वेब कहा जाता है इसमें इन्टरनेट पर जितने भी वेबपेज मौजूद है वह सभी हाइपरटेक्स्ट के द्वारा आपस में कनेक्ट रहते हैं.

Q – Www शुरुआत कब हुई?

WWW की शुरुवात साल1989 में हुई थी, और 1991 तक यह दुनिया के अधिकतर हिस्सों में पहुँच चुका था.

Q – वर्ल्ड वाइड वेब के जनक कौन है?

वर्ल्ड वाइड वेब के जनक Tim Berners-Lee को कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही WWW का आविष्कार किया था.

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अंतिम शब्द,

दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको WWW Kya Hai के बारे में कम्पलीट A to Z जानकारी प्रदान की है. हमें पूरी उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढने के बाद आप भी वर्ल्ड वाइड वेब को अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें.

यदि अभी भी WWW को लेकर आपके मन में कोई सवाल हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं. हम जल्दी ही आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगें. और साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और उन्हें भी WWW के बारे में सही जानकारी दें.

लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||

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